प्राकृतिक आपदाएं
- प्राकृतिक आपदाएं
एक प्राकृतिक आपदा एक प्राकृतिक जोखिम का परिणाम है जैसे ज्वालामुखी, विस्फोट, भूकम्प जो कि मानव की गतिविधियों को प्रभावित करता है मानव दुर्बलता उचित योजनाओं का आभाव ओर बढ़ा देता है जिसकी वजह से आर्थिक मानवीय ओर पर्यावरण को नुकसान पहुँचता है। हर दिन हजारों भूकम्प आते है लेकिन उनमें से अधिकांश मनुष्यों नोटिस करने के लिए बहुत छोटे होते है ओर सिस्टोमीटर के रूप में जाना जाता हैं जब वे पर्याप्त बड़े होते है तो भूकम्प पूरे शहरों को नष्ट कर सकते हैं
सुनामी भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट या महासागर के नीचे विस्फोट से हो सकती है। भूकंपीय लहरें सीबेड को झटका दे सकती हैं, जिससे समुद्र में भारी मात्रा में पानी विस्थापित होता है। इससे उपरिकेंद्र से बड़ी तरंगें फैलती हैं। गहरे पानी में, लहरें जल्दी से चलती हैं; जब वे उथले तटीय क्षेत्रों में पहुँचते हैं, तो वे धीमा हो जाते हैं लेकिन उनकी ऊँचाई बढ़ जाती है। जमीन पर पहुंचने पर ये लहरें भारी तबाही मचा सकती हैं। अगर इन सब आपदाओं से बचा सकते है सिर्फ पूर्ण परमात्मा जो इस सृष्टि के रचन हार है वही एक पूर्ण परमात्मा है आज पूरे विश्व में पूर्ण परमात्मा को पाने के लिए अवश्य देखिए सन्त रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन शाम 7:30 से 8:30 तक ज्ञान गंगा या जीने की राह फ्री डाउनलोड करने के लिए इस लिंक पर क्लिक करे 👇🏻
नदी में बाढ़, भूकंप, तेज बारिश, ओलावृष्टि, बादल फटना, भूस्खलन, बिजली गिरना आदि कई अन्य प्राकृतिक आपदाओं से हर वर्ष हजारों लोगों की जान चली जाती है बाद में हजारों लोग इस प्राकृतिक आपदाओं से उपजी बीमारियों से मर जाते हैं। इस सबको देखने-झेलने के बावजूद आज तक भारत ने अपना कोई ठोस प्राकृतिक आपदा केंद्र निर्मित नहीं किया। कुछ प्राकृतिक आपदाएं ऐसी है जिन्हें रोका नहीं जा सकता, जैसे कि आज सभी जानते है कि आज सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा हमारे ऊपर आई हुई हैं उस आपदा का नाम है कोरोना है जिसका आज तक कोई इलाज नहीं मिला आज तक पूरा विश्व इस आपदाओं से गुजर रहा है
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