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Showing posts from May, 2020

प्राकृतिक आपदाएं

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प्राकृतिक आपदाएं एक प्राकृतिक आपदा एक प्राकृतिक जोखिम का परिणाम है जैसे ज्वालामुखी, विस्फोट, भूकम्प जो कि मानव की गतिविधियों को प्रभावित करता है मानव दुर्बलता उचित योजनाओं का आभाव ओर बढ़ा देता है जिसकी वजह से आर्थिक मानवीय ओर पर्यावरण को नुकसान पहुँचता है। हर दिन हजारों भूकम्प आते है लेकिन उनमें से अधिकांश मनुष्यों नोटिस करने के लिए बहुत छोटे होते है ओर सिस्टोमीटर के रूप में जाना जाता हैं जब वे पर्याप्त बड़े होते है तो भूकम्प पूरे शहरों को नष्ट कर सकते हैं सुनामी भूकंप, ज्वालामुखी विस्फोट या महासागर के नीचे विस्फोट से हो सकती है। भूकंपीय लहरें सीबेड को झटका दे सकती हैं, जिससे समुद्र में भारी मात्रा में पानी विस्थापित होता है। इससे उपरिकेंद्र से बड़ी तरंगें फैलती हैं। गहरे पानी में, लहरें जल्दी से चलती हैं; जब वे उथले तटीय क्षेत्रों में पहुँचते हैं, तो वे धीमा हो जाते हैं लेकिन उनकी ऊँचाई बढ़ जाती है। जमीन पर पहुंचने पर ये लहरें भारी तबाही मचा सकती हैं।  अगर इन सब आपदाओं से बचा सकते है सिर्फ पूर्ण परमात्मा जो इस सृष्टि के रचन हार है वही एक पूर्ण परमात्मा है आज पूरे विश्व में पूर्ण परम...

Paryavarn-पर्यावरण

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पर्यावरण पर्यावरण:- आज हम पर्यावरण के बारे मैं कुछ सोचे ओर देखे तो आज की यही हकीकत है कि आज हमारा पर्यावरण कितना दूषित हो रहा है । इसके जिम्मेदार कौन है ? हम  सभी इसके जिम्मेदार हैं। पर्यावरण में वायु ,जल ,भूमि ,पेड़-पौधे , जीव-जन्तु ,मानव और उसकी विविध गतिविधियों के परिणाम आदि सभी का समावेश होता हैं। अपने पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए हमें सबसे पहले अपनी मुख्य जरूरत ‘जल’ को प्रदूषण से बचाना होगा। कारखानों का गंदा पानी, घरेलू, गंदा पानी, नालियों में प्रवाहित मल, सीवर लाइन का गंदा निष्कासित पानी  नदियों और समुद्र में गिरने से रोकना होगा। कारखानों के पानी में हानिकारक रासायनिक तत्व घुले रहते हैं जो नदियों के जल को खराब कर देते हैं, परिणामस्वरूप जलचरों के जीवन को संकट का सामना करना पड़ता है। दूसरी ओर हम देखते हैं कि उसी प्रदूषित पानी को सिंचाई के काम में लेते हैं जिसमें उपजाऊ भूमि भी विषैली हो जाती है। उसमें उगने वाली फसल व सब्जियां भी पौष्टिक तत्वों से रहित हो जाती हैं जिनके सेवन से  जीवननाशी रसायन मानव शरीर में पहुंच कर खून को विषैला बना देते हैं। कहने का तात्पर्य यही है ...

नास्तिकता ओर भगति

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भगति ओर नास्तिकता नास्तिकता:-आस्तिक का अर्थ है भगवान पर विश्वास करने वाला और नास्तिक का अर्थ है विश्वास नही करने वाला   नास्तिकता एक सकारात्मक  विश्वास नहीं है कि  कोई भगवान है नास्तिक इंसान को कभी भगति की बाते समझ में नही आती चाहे उसको कितना ही समझा लो   भगति:- भगति का मतलब भगवान को  मानना जो भगवान को नही मानता उसकी गिनती नास्तिकता में आती हैं आज पूरे विश्व मे कितने ही लोग है जो भगवान को नही मानते  ओर जो मानते हैं उनको भी नही पता कि कोनसे भगवान को मानने से हमारी मुक्ति होगी    हमारे वेद शास्त्र जिस पूर्ण परमात्मा की भगति। करने को कह रहा है अगर उस परमात्मा की भगति करने से हमारा मोक्ष हो सकता है  मनुष्य जन्म बार बार नही मिलता मनुष्य जन्म में ही भगवान प्राप्त हो सकता है पूर्ण परमात्मा को पाने के लिए साधना चेनल देखे शाम 7:30 से 8:30 तक सन्त रामपाल जी महाराज के मंगल प्रवचन जरूर सुने   www.jgtgururampaljimharaj.org

गीता जी का ज्ञान किसने बोला?

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           गीता जी का ज्ञान किसने बोला ? 🙏🙏  पवित्र गीता जी का ज्ञान किसने कहा  🙏🙏 पवित्र गीता जी के ज्ञान को उस समय बोला गया था जब महाभारत का युद्ध होने जा रहा था। अर्जुन ने युद्ध करने से इन्कार कर दिया था। युद्ध क्यों हो रहा था? इस युद्ध को धर्मयुद्ध की संज्ञा भी नहीं दी जा सकती क्योंकि दो परिवारों का सम्पत्ति वितरण का विषय था। कौरवों तथा पाण्डवों का सम्पत्ति बंटवारा नहीं हो रहा था। कौरवों ने पाण्डवों को आधा राज्य भी देने से मना कर दिया था। दोनों पक्षों का बीच-बचाव करने के लिए प्रभु श्री कृष्ण जी तीन बार शान्ति दूत बन कर गए। परन्तु दोनों ही पक्ष अपनी-अपनी जिद्द पर अटल थे। श्री कृष्ण जी ने युद्ध से होने वाली हानि से भी परिचित कराते हुए कहा कि न जाने कितनी बहन विधवा होंगी ? न जाने कितने बच्चे अनाथ होंगे ? महापाप के अतिरिक्त कुछ नहीं मिलेगा। युद्ध में न जाने कौन मरे, कौन बचे ? तीसरी बार जब श्री कृष्ण जी समझौता करवाने गए तो दोनों पक्षों ने अपने-अपने पक्ष वाले राजाओं की सेना सहित सूची पत्रा दिखाया तथा कहा कि इतने राजा हमारे पक्ष में हैं तथा...

नशा एक अभिशाप

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        नशा एक अभिशाप नशा करता है नाश :- नशा सर्वप्रथम तो इंसान को शैतान बनाता है। शरीर के चार महत्वपूर्ण अंग हैं फेफड़े, लीवर, गुर्दे, हृदय। शराब सबसे प्रथम इन चारों अंगों को खराब करती है। इन सब से निजात पाने के लिए अवश्य देखिए साधना चेनल शाम 7:30 से । 👉शराब पीने वाले इंसान को नरक में मूत्र पिलाया जाता है क्योंकि वह हमेशा कड़वा पानी ही पीता है मनुष्य जन्म में। 👉नशा करने वाले इंसान को नरक में भयंकर यातनाएं दी जाती हैं। 👉शराब पीने से कैंसर जैसी भयानक बीमारियाँ होती हैं। इससे मनुष्य हमेशा दुःखी होता है।  नए-नए रोग होते हैं नशे की वजह से। इसे जल्द त्यागने में ही भलाई है। 👉नशा चाहे शराब, सुल्फा, अफीम, हिरोईन आदि-आदि किसी का भी करते हो, यह आपके सर्वनाश का कारण बनेगा। इसका किसी भी शास्त्र में उल्लेख नहीं है। यह मानव समाज को बर्बाद कर रहा है। 👉शराब इतनी खतरनाक है कि यह बसे बसाए खुशहाल परिवार को भी उजाड़ देती है तथा धन व बल दोनों का नाश करती है। 👉किसी भी धर्म के पवित्र सदग्रंथों में शराब पीने का वर्णन नहीं है। फिर हम धर्म के वि...

कोरोना का इलाज

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कोरोना का इलाज 👇👇👇 आज पूरा विश्व एक ऐसी बीमारी से जूझ रहा है जिसका कोई इलाज नही है अगर इस बीमारी का कहि इलाज है तो वह सन्त रामपाल जी महाराज के पास अगर इस बीमारी से छुटकारा पाना चाहते हो तो सन्त रामपाल जी महाराज की शरण में आये और अपना कल्याण करवाये अधिक जानकारी के लिए देखे साधना TV शाम 7:30 से