पर्यावरण
पर्यावरण:-
आइए आज कुछ पर्यावरण के बारे मैं जाने जैसा कि हम सभी जानते है पहले हमारा पर्यावरण कितना दूषित था पर इस 3 महीने के लोकडॉन में पर्यावरण को कितने फायदे मिले हैं अगर जिस तरह महीनों में ये सब किये बिना इंसान जिंदा है तो फिर वापिस क्यो इन गन्दी आदतों को वापिस अपने जीवन में डाले जैसे कि शराब पीना, बीड़ी पीना, सिगरेट पीना, गुटखा खाना, और तम्बाकू खाना हुक्का ,गांजा,चरस, ना जाने कितनी गन्दी चीजे है इन चीजों का कितना आदि था इंसान अब देखो 3 महीनों में इसका उपयोग नही हुआ तो हमारा वातावरण कितना शुद्ध हुआ इन बुराइयों को तो हमेशा के लिए छोड़ देनी चाहिए
जैसे कि संत रामपाल जी महाराज जी के अनुयायी कभी नशा नही करते और नही किसी को लाकर देते
सन्त रामपाल जी महाराज केअनुयायी रक्तदान, देहदान, नशामुक्ति और दहेजरहित विवाहों के कारण अक्सर चर्चा में रहते हैं, लेकिन पर्यावरण की ओर से उनका क्या योगदान है? वर्तमान में विश्व मे एकमात्र तत्वदर्शी सन्त की भूमिका निभा रहे सन्त रामपाल जी महाराज ने केवल शास्त्रों को खोलकर सही भक्तिमार्ग बताकर न केवल झूठी गुरुओं के छक्के छुड़ाए हैं, बल्कि लाखों लोगों के जीवन अपने द्वारा बताए नियमो - संवार दिए हैं।
अगरबत्ती और हवन आदि से होने वाले वायु प्रदूषण की ओर अगाह करते हुए, सन्त रामपाल जी, अनुयायियों को ज्योतियज्ञ अर्थात दीपक लगाने के आदेश देते हैं।
सन्त रामपाल जी द्वारा बताए गए नियमों में मांसाहार करना पूरी तरह वर्जित है। उनके अनुसार प्रत्येक प्राणी ईश्वर को प्यारा है किसी को भी मारकर खाना मानवीय कर्म नहीं है।
मानवता का धर्म विश्व में फैलाने वाले सन्त रामपाल जी महाराज ने अपने अनुयायियों को चमड़े या जानवरों से बने किसी भी पदार्थ का प्रयोग बंद करवा रखा है।
सन्त जी के अनुसार चमड़ा, खाल, हाथीदंत या अन्य सामग्री जो जानवरों से मिलती है उसके लिए कई बेजुबान जानवरोंो को को जाता है। सभी जीवों का स्वभाव में अपना महत्व है और वे स्वास्थ्य विज्ञान तंत्र यानी इकोसिस्टम में अपना योगदान देते हैं और सभी को परमात्मा के बनाये संसार में जीने का पूरा अधिकार है।
लाखों की संख्या में उनके अनुयायी हैं जो दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं सभी शाकाहारी हैं और जानवरों के कपड़े, खाल आदि के प्रयोग से दूर हैं और स्वास्थिक तंत्र में गुरुवचन पर चलकर अपना योगदान दे रहे हैं। अधिक जानने के लिए आप सुने सन्त रामपाल जी महाराज जी के मंगल प्रवचन साधना टीवी पर शाम 7:30 से 8:30 तक ओर ईश्वर टीवी पर शाम 8:30 से 9:30 तक
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