Andha vishvas shiksha

Andh vishvas shiksha अन्ध― नमस्कार – आज के युग में अंधविश्वास चरम सिमा पर है और आज हम बात भी इसी पर करने वाले है। आखिर अंधविश्वास है क्या, इसकी क्या परिभाषा है। क्या धार्मिक आस्था एक अंधविश्वास है। क्या ज्योतिष एक अंधविश्वास है। अंधविश्वास का यदि संधिविच्छेद किया जाये तो यह है – अंध + विश्वास। अन्ध- विश्वास― आज तक हम सभी पर अन्ध विश्वास ही करते आये है चाहे ज्ञान की बात हो या अज्ञान की अभी तक हम ये नही समझ पाए कि किस पर विश्वास करे या न करे कोई भी कुछ भी बोल दे तो भी विश्वास कर लेते है इसे ही अन्ध विश्वास कहते है जिस दिन हम अपनी शिक्षा का उपयोग कर लेंगे तब सही समझ आजायेगा आज की युवा पीढ़ी पड़ी लिखी हैं सब समजती है किसी पर अन्ध विश्वास करने से पहले सोचे आज तक हम अपने शास्त्रों में क्या लिख रखा है वही नही समझ पाए जो धर्म गुरु कहते आये वही करते आ रहे है आज हम सब पड़े लिखे हैं तो फिर खुद पड़ सकते है – एक बहुत ही अछी पुस्तक है " अन्ध श्रद्धा भक्ति खतरा ऐ जान" अगर एक बार कोई इसे पडले तो उसका सब अन्ध विश्वास दूर हो
जाएगा ये पुस्तक निशुल्क मंगवाने के लिए आप अपना नाम पता नम्बर भेजे शिक्षा― अगर हम अपनी शिक्षा का सही उपयोग नही करेंगे तो फिर हमारी शिक्षा किस काम की शिक्षा का मतलब ये नही की आप बहुत पड़ लिख गए तो आपको शिक्षा का ज्ञान हो गया जिस दिन आप आध्यात्मिक ज्ञान समझ जाओगे तब जाके आपकी शिक्षा सही उपयोग होगा ये मनुष्य जन्म बार बार नही मिलता इसे यू ही व्यर्थ मत गवाओ पड़े लिखे होकर कोई ज्योतिष के चक्कर मे फॅसा है कोई इन बाबाओ के कोई किसी मे पता सब तरफ अन्ध विश्वास ही फेला पड़ा है पता नही क्यो नही समझते लोग ज्ञान की बात समजाएंगे तो कोई नही समझेगा अपनी होड़ लगाएगा अगर कहि कोई ये कह दे कि ऐसा कर ने से तेरे ऐसा हो जाएगा तो पता लोग जल्दी से मान लेते मत फसो इन अन्ध विश्वास में ओर सही मार्ग अपनाओ निशुल्क पुस्तक मंगवाने के लिए "अन्ध श्रद्धा भक्ति खतरा ऐ जान" आप अपना नाम पता नम्बर कॉमेंट में भेजे
अन्ध विश्वास शिक्षा
अन्ध विश्वास– आज के इस दौर में अन्ध विश्वास इतना बढ़ गया है की इस अन्ध विश्वास को अभी नही हटाया गया तो फिर कहि ये ना कहना पड़े की अब पछतावा क्या करे जब चिड़िया चुग गयी खेत फिर हमारी शिक्षा का क्या मतलब लगभग आज की पीढ़ी सब पढ़ी लिखी है सभी समझदार हैं सभी समझ सकते है
मनुष्य जन्म पाय कर जो नही रटे हरि नाम
जैसे कुँआ जल बिना बनवाया क्या काम
कहने का मतलब ये मनुष्य जन्म बार बार नही मिलता अभी मनुष्य योनि में हो तो सब समझ जाओगे पता नहीं अगला जन्म हमे कोनसा मिले आज हम कितनी भी पढ़ाई लिखाई कर ले अगर ज्ञान नही समजेंगे तो फिर हमारी ये पढ़ाई लिखाई किस काम की
गीता जी के अध्याय नम्बर 16 श्लोक नम्बर 23 ओर 24 में भी बताया गया है जो लोग शास्त्र  विधि को त्याग कर मनमाना आचरण करता है  ना तो उनकी गति होती हैं ओर ना ही सिद्धि होती हैं ये सब यूज लेस है हम सब जानते कि हमारे शास्त्र सब सही बतारे फिरभी हम मनमाना आचरण करते है कोई शास्त्रो के अनुसार भक्ति नही करता शास्त्रो के अनुसार भक्ति करने के लिए आप पुस्तक "गीता तेरा ज्ञान अम्रत" पढ़ सकते है जिसमें पूरा गीता जी का निचोड़ बता रखा है
अगर आप ये पुस्तक निशुल्क मंगवाना चाहते हो तो या तो अपना–नाम–पता–मोबाइल नंबर–कॉमेंट बॉक्स में भेजे 5
शिक्षा का महत्व–पढ़ाई लिखाई करना ही शिक्षा नही होती शिक्षा तो वो है जिसे हमें ग्रहण करे शिक्षा का महत्व है कि हम सही मार्ग अपनाए शिक्षा ने क्या सिखाया हमे जो शिक्षा से जो सिख लेनी थी वो तो असली में ली ही नही आज की युवा पीढ़ी पढ़ी लिखी है फिर भी गलत रास्ता अपना लेती है पूछो उन गरीब माँ पापा से उन्होंने कैसे पढाया लिखाया उन बच्चों को इस काबिल बनाया कि सही गलत की पहचान कर सके ज़िन्दगी भर अपने बच्चों के लिए कष्ट उठाया फिर वही बच्चे अगर गलत रास्ते पर चल पड़े तो फिर क्या गुजरती उन मा बाप के ऊपर आप सोच नही सकते मा बाप चाहे पढ़े लिखे हो या नही पर सही ज्ञान समझे और अपने बच्चों को भी सही ज्ञान बताये बचपन से ही  अगर सही ज्ञान समझना है तो एक बार "ज्ञान गंगा" पुस्तक अवश्य पढ़ें निशुल्क मंगवाने के लिए आप whatsapp भी कर सकते इस नम्बर पर👉🏻7496801825
www.jagtgururampalji.org

Comments

  1. हा जी यह सत्य है कि मनुष्य को भक्ति करनी चाहिए

    ReplyDelete

Post a Comment

Popular posts from this blog

प्राकृतिक आपदाएं

Guru ko bhgvan kyo mane

गीता जी का ज्ञान किसने बोला?